काहेकी कभी-कभी परमेश्वरको दूत कुण्डामे उतरके पानी हलाए देत रहए। और पानी हालो खिनक जो कोइ पहिले पानी भितर घुसत रहए, तओ चहुँ बोको जैसो रोग होबए सोउँ फिर, बो अच्छो हुइजात रहए।
एक आदमी जो जल्मतको लंगणा रहए बोके मन्दिरको फाटकमे लैजात रहएं। रोजदिन बोके जा फाटकके किनारे बैठाओ जात रहए, जा फाटकके सुथ्रो फाटकके नाउँसे चिन्हो जात रहए। जौन-जौन आदमी फाटक भितर जात रहएं, बो लंगणा हुवाँ बैठके बिनसे भिख माँगे करत रहए।