तौ राजा अपने दहने घाँईं बारेन से कहैगो, ‘मेरे परम दऊवा के धन्य आदमियौ, तुम आबौ, बौ राज्य के हकदार हुई जाबौ, जो दुनिया के सुरु से तुमरे ताहीं समारो गौ है।
खुसनसीब हैं बे सेवक, जिनके प्रभु बापस आन मैं उनकै जगत भइ और सेवा करत भै पाथै! मैं तुमसे सच्ची कहथौं, बौ अपनो कोट उतारकै, उनके झोने बैठ जागो, और उनके संग असियागो।
“सुनौ! मैं चुट्टा के तराहनी आए रहो हौं! धन्य है बौ जो जगत रहथै, और अपने लत्तन की रखबारी करथै, ताकी बौ नंगो नाय चलै और सब लोगन के सामने बाकी बेजती ना होबै!”
मोए मालुम है तुम का करथौ। मैं तुमरे प्रेम, तुमरे बिस्वास और काबिलियत, और तुमरी सेवा, और तुमरे धीरज कै जानथौं। मोए मालुम है कि तुम पहले की तुलना मैं और जाधे काम कर रै हौ।