25 जौ सुनकै, चेला भौत चकित हुईकै कहीं, “फिर कौन को उद्धार हुई सकथै?”
25 जा सुनके चेला गजब अचम्मो मानके पुछीं, “तओ कौन उद्धार पएहए?”
हाँ तुमसे कहथौं कि कोई सेठ आदमी कै परमेस्वर राज्य मैं जानो आसान नाय है जैसी कि ऊँट को सुईं के भार से निकर जानो।”
ईसु उनके घाँईं देखकै कही, “इंसान से तौ जौ नाय हुई सकथै, पर परमेस्वर से सब कछु हुई सकथै।”
लेकिन परमेस्वर पहलिये दिनन की संख्या कम कर दई है; अगर बौ ऐसो ना करतो तौ कोई ना बचतो। हालाकि, अपने चुने भै लोगन के खातिर दिन कम हुई जांगे।”
अगर प्रभु बे दिनन कै ना घटातो, तौ कोईये लोग ना बचते। लेकिन बे छटे भै की बजह से जिनकै बौ चुनी, तभई जौ समय कै घटाई।
जैसो कि पवित्र सास्त्र कहथै, “जो कोई भी मदत के ताहीं प्रभु कै पुकारैगो, बौ बच जाबैगो।”