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प्रकाशितवाक्य 17:7 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari

7 ततः स दूतो माम् अवदत् कुतस्तवाश्चर्य्यज्ञानं जायते? अस्या योषितस्तद्वाहनस्य सप्तशिरोभि र्दशशृङ्गैश्च युक्तस्य पशोश्च निगूढभावम् अहं त्वां ज्ञापयामि।

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সত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script

7 ততঃ স দূতো মাম্ অৱদৎ কুতস্তৱাশ্চৰ্য্যজ্ঞানং জাযতে? অস্যা যোষিতস্তদ্ৱাহনস্য সপ্তশিৰোভি ৰ্দশশৃঙ্গৈশ্চ যুক্তস্য পশোশ্চ নিগূঢভাৱম্ অহং ৎৱাং জ্ঞাপযামি|

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সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script

7 ততঃ স দূতো মাম্ অৱদৎ কুতস্তৱাশ্চর্য্যজ্ঞানং জাযতে? অস্যা যোষিতস্তদ্ৱাহনস্য সপ্তশিরোভি র্দশশৃঙ্গৈশ্চ যুক্তস্য পশোশ্চ নিগূঢভাৱম্ অহং ৎৱাং জ্ঞাপযামি|

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သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script

7 တတး သ ဒူတော မာမ် အဝဒတ် ကုတသ္တဝါၑ္စရျျဇ္ဉာနံ ဇာယတေ? အသျာ ယောၐိတသ္တဒွါဟနသျ သပ္တၑိရောဘိ ရ္ဒၑၑၖင်္ဂဲၑ္စ ယုက္တသျ ပၑောၑ္စ နိဂူဎဘာဝမ် အဟံ တွာံ ဇ္ဉာပယာမိ၊

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satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script

7 tataH sa dUtO mAm avadat kutastavAzcaryyajnjAnaM jAyatE? asyA yOSitastadvAhanasya saptazirObhi rdazazRggaizca yuktasya pazOzca nigUPhabhAvam ahaM tvAM jnjApayAmi|

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સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script

7 તતઃ સ દૂતો મામ્ અવદત્ કુતસ્તવાશ્ચર્ય્યજ્ઞાનં જાયતે? અસ્યા યોષિતસ્તદ્વાહનસ્ય સપ્તશિરોભિ ર્દશશૃઙ્ગૈશ્ચ યુક્તસ્ય પશોશ્ચ નિગૂઢભાવમ્ અહં ત્વાં જ્ઞાપયામિ|

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प्रकाशितवाक्य 17:7
6 Referencias Cruzadas  

विधर्म्मस्य निगूढो गुण इदानीमपि फलति किन्तु यस्तं निवारयति सोऽद्यापि दूरीकृतो नाभवत्।


मम दक्षिणहस्ते स्थिता याः सप्त तारा ये च स्वर्णमयाः सप्त दीपवृक्षास्त्वया दृष्टास्तत्तात्पर्य्यमिदं ताः सप्त ताराः सप्त समितीनां दूताः सुवर्णमयाः सप्त दीपवृक्षाश्च सप्त समितयः सन्ति।


ततः स्वर्गे ऽपरम् एकं चित्रं दृष्टं महानाग एक उपातिष्ठत् स लोहितवर्णस्तस्य सप्त शिरांसि सप्त शृङ्गाणि शिरःसु च सप्त किरीटान्यासन्।


त्वया दृष्टो ऽसौ पशुरासीत् नेदानीं वर्त्तते किन्तु रसातलात् तेनोदेतव्यं विनाशश्च गन्तव्यः। ततो येषां नामानि जगतः सृष्टिकालम् आरभ्य जीवनपुस्तके लिखितानि न विद्यन्ते ते पृथिवीनिवासिनो भूतम् अवर्त्तमानमुपस्थास्यन्तञ्च तं पशुं दृष्ट्वाश्चर्य्यं मंस्यन्ते।


तदनन्तरं स्वर्गाद् अवरोहन् अपर एको दूतो मया दृष्टः स महापराक्रमविशिष्टस्तस्य तेजसा च पृथिवी दीप्ता।


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