Biblia Todo Logo
La Biblia Online

- Anuncios -




मार्क 7:24 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari

24 अथ स उत्थाय तत्स्थानात् सोरसीदोन्पुरप्रदेशं जगाम तत्र किमपि निवेशनं प्रविश्य सर्व्वैरज्ञातः स्थातुं मतिञ्चक्रे किन्तु गुप्तः स्थातुं न शशाक।

Ver Capítulo Copiar


Más versiones

সত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script

24 অথ স উত্থায তৎস্থানাৎ সোৰসীদোন্পুৰপ্ৰদেশং জগাম তত্ৰ কিমপি নিৱেশনং প্ৰৱিশ্য সৰ্ৱ্ৱৈৰজ্ঞাতঃ স্থাতুং মতিঞ্চক্ৰে কিন্তু গুপ্তঃ স্থাতুং ন শশাক|

Ver Capítulo Copiar

সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script

24 অথ স উত্থায তৎস্থানাৎ সোরসীদোন্পুরপ্রদেশং জগাম তত্র কিমপি নিৱেশনং প্রৱিশ্য সর্ৱ্ৱৈরজ্ঞাতঃ স্থাতুং মতিঞ্চক্রে কিন্তু গুপ্তঃ স্থাতুং ন শশাক|

Ver Capítulo Copiar

သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script

24 အထ သ ဥတ္ထာယ တတ္သ္ထာနာတ် သောရသီဒေါန္ပုရပြဒေၑံ ဇဂါမ တတြ ကိမပိ နိဝေၑနံ ပြဝိၑျ သရွွဲရဇ္ဉာတး သ္ထာတုံ မတိဉ္စကြေ ကိန္တု ဂုပ္တး သ္ထာတုံ န ၑၑာက၊

Ver Capítulo Copiar

satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script

24 atha sa utthAya tatsthAnAt sOrasIdOnpurapradEzaM jagAma tatra kimapi nivEzanaM pravizya sarvvairajnjAtaH sthAtuM matinjcakrE kintu guptaH sthAtuM na zazAka|

Ver Capítulo Copiar

સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script

24 અથ સ ઉત્થાય તત્સ્થાનાત્ સોરસીદોન્પુરપ્રદેશં જગામ તત્ર કિમપિ નિવેશનં પ્રવિશ્ય સર્વ્વૈરજ્ઞાતઃ સ્થાતું મતિઞ્ચક્રે કિન્તુ ગુપ્તઃ સ્થાતું ન શશાક|

Ver Capítulo Copiar




मार्क 7:24
19 Referencias Cruzadas  

हा कोरासीन्, हा बैत्सैदे, युष्मन्मध्ये यद्यदाश्चर्य्यं कर्म्म कृतं यदि तत् सोरसीदोन्नगर अकारिष्यत, तर्हि पूर्व्वमेव तन्निवासिनः शाणवसने भस्मनि चोपविशन्तो मनांसि परावर्त्तिष्यन्त।


ततो यीशौ गेहमध्यं प्रविष्टं तावपि तस्य समीपम् उपस्थितवन्तौ, तदानीं स तौ पृष्टवान् कर्म्मैतत् कर्त्तुं मम सामर्थ्यम् आस्ते, युवां किमिति प्रतीथः? तदा तौ प्रत्यूचतुः, सत्यं प्रभो।


तदनन्तरं यीशै कतिपयदिनानि विलम्ब्य पुनः कफर्नाहूम्नगरं प्रविष्टे स गृह आस्त इति किंवदन्त्या तत्क्षणं तत्समीपं बहवो लोका आगत्य समुपतस्थुः,


एतानि सर्व्वाणि दुरितान्यन्तरादेत्य नरममेध्यं कुर्व्वन्ति।


यतः सुरफैनिकीदेशीययूनानीवंशोद्भवस्त्रियाः कन्या भूतग्रस्तासीत्। सा स्त्री तद्वार्त्तां प्राप्य तत्समीपमागत्य तच्चरणयोः पतित्वा


पुनश्च स सोरसीदोन्पुरप्रदेशात् प्रस्थाय दिकापलिदेशस्य प्रान्तरभागेन गालील्जलधेः समीपं गतवान्।


तथैव सत्कर्म्माण्यपि प्रकाशन्ते तदन्यथा सति प्रच्छन्नानि स्थातुं न शक्नुवन्ति।


Síguenos en:

Anuncios


Anuncios


¡Síguenos en WhatsApp! Síguenos