प्रेरित 3:2 - राना थारु नयाँ नियम2 एक आदमी जो जल्मतको लंगणा रहए बोके मन्दिरको फाटकमे लैजात रहएं। रोजदिन बोके जा फाटकके किनारे बैठाओ जात रहए, जा फाटकके सुथ्रो फाटकके नाउँसे चिन्हो जात रहए। जौन-जौन आदमी फाटक भितर जात रहएं, बो लंगणा हुवाँ बैठके बिनसे भिख माँगे करत रहए। Sien die hoofstukपरमेस्वर को सच्चो वचन2 और लोग एक जनम के लंगड़ा कै लात रहैं, बाकै बे रोजाना मंदिर के फाटक जो सुगड़ कहो जात रहै, बैठार देत रहैं, कि मंदिर मैं जान बारेन से भीख माँगै। Sien die hoofstuk |